Types of business ( बिजनेस के प्रकार )



                Types of business (  बिजनेस के प्रकार )

यहां बात सबको खबर हो गई है कि हर बिजनेस में हर एक व्यक्ति नया करने का सोचते हैं वह आइडिया लगाते हैं इसी कारण से बिजनेस को भागों में डिवाइड करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है पर कुछ खास पैरामीटर के हिसाब से हमने बिजनेस के प्रकार को डिवाइड किया गया है जो कि निम्न प्रकार के हैं

                     बिजनेस के कितने प्रकार होते हैं

बिजनेस की बेसिक तीन प्रकार होते हैं जो निम्न है

1. Traditional beginners (पारंपरिक बिजनेस)

2. Fcc business (फ्रेंचाइजी बिजनेस)

3. Direct selling business (डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस)

एक-एक करके इन तीनों बिजनेस के बारे में अच्छे से जानेंगे ताकि हमें पता लगे कि हमारे लिए परफेक्ट और सही क्या है और हम कौन सा बिजनेस हम कर सकते हैं 


1. Traditional business ( पारंपरिक बिजनेस)-

हमको इस बिजनेस के नाम को देख कर के कुछ चीजें क्लियर हो जाती है जैसे कि ट्रेडिशनल बिजनेस जिसके अंदर ट्रेंड के हिसाब से चलता है हिंदी में बात करें तो पारंपरिक बिजनेस जो परंपरा के हिसाब से चलता है तो उसे ट्रेडिशनल या पारंपरिक बिजनेस करते हैं

उदाहरण-

रमेश एक कुम्हार है और इनके लिए उनका पारंपरिक बिजनेस मटके बनाना है रमेश के दादाजी का जमाना 1950 था जिस समय आईटी सेक्टर का कोई बात हुई नहीं करता था उस समय गर्मी के टाइम में हर एक घर में मटका होता था उस समय रमेश के दादाजी का बिजनेस बहुत ही अच्छा चलता था

जब रमेश के पापाजी का समय था तब देश के आजादी के बाद देश विकास की उसी समय रमेश के पापा जी ने अपना पारंपरिक बिजनेस संभाला उस समय देश विकास की ओर जा रहा था पर टेक्नोलॉजी इतनी ज्यादा विकसित नहीं हुई थी इनका जमाना 1990 हैं और उनका बिजनेस अच्छा चलता है क्योंकि यहां पर भी मटको की बहुत ही ज्यादा मांग है

जब रमेश की बारी आती है इस समय देश अच्छा विकास कर कर रहा है ऐसे में टेक्नोलॉजी भी बहुत अच्छी तेज गति से बढ़ रही है यहां समय 2020 का है और टेक्नोलॉजी ने इतना विकास कर लिया है कि हर एक व्यक्ति के पास में कंप्यूटर यानी कि स्मार्टफोन है अब ऐसे युग में कुछ नए बदलाव तो हो नहीं है जिसके कारण मटके की जगह फ्रीज में लेना स्टार्ट कर दिया और हर एक अच्छी आर्थिक स्थिति वाले घर में फ्रीज होता है

जब रमेश का बेटा बड़ा होगा और वहां पारंपरिक बिजनेस स्टार्ट करेगा उस समय 2040 हो जाएगा उस समय टेक्नोलॉजी बहुत ही आगे निकल गई होगी उस समय हर घर में फ्रीज होंगे क्या उस समय रमेश के बेटे का पारंपरिक बिजनेस चल जाएगा नहीं ना अब देखो वास्तविक पारंपरिक बिजनेस कब तक चलेगा यह बिजनेस आगे चलकर बंद हो जाने वाला है

मैं पारंपरिक बिजनेस के खिलाफ नहीं हूं पर मेरा कर्तव्य बनता है कि मैं आपको वास्तविक से परिचित करूं आप मेरी बात को सही माने या ना माने उससे मेरे को कोई फर्क नहीं पड़ेगा पर अगर आपने इस चीज को समझ कर सही दिशा पकड़ ली तो हो सकता है आप अपने परिवार को एक अच्छी पोजीशन पर ले जा सकते हैं और साथ ही अपने बच्चों को भी एक अच्छा पारंपरिक बिजनेस दे सकते हैं





2. फ्रेंचाइजी बिजनेस  /सिंगल लेवल मार्केटिंग


फ्रेंचाइजी बिजनेस या सिंगल लेवल मार्केटिंग एक ही है बस इसके नाम अलग है 

यह बिजनेस ऐसा होता है जिसके अंदर कंपनियां लाइसेंस दे कर के डिस्ट्रीब्यूटर बनाती हैं मगर डिस्ट्रीब्यूटर को लाइसेंस बांटने की इजाजत नहीं होती जिसमें कंपनी अकेली ही मार्केटिंग कर सकती है डिस्ट्रीब्यूटर कभी मार्केटिंग नहीं कर सकता वह खाली प्रोडक्ट सेल कर सकता है

फ्रेंचाइजी बिजनेस यासिंगल लेवल मार्केटिंग के अंदर काम करने वाली कुछ कंपनियों के नाम रिलायंस, टाटा, बाटा, आईसर, होंडा, हीरो, टीवीएस,

1.अगर इनके साथ में आप डिसटीब्यूटरशिप लेकर के लाइसेंस लेकर के अगर उनके साथ बिजनेस करते भी हैं तो भी स्वयं कर्मचारी बने रह जाओगे क्योंकि आप किसी को डिस्ट्रीब्यूटरशिप नहीं दे सकते हैं

2. इन कंपनी के साथ बिजनेस या व्यापार करने के लिए पहले आपको लाइसेंस लेना होगा जिसके लिए आपको लाखों रुपए इन्वेस्ट करने पड़ सकते हैं



3. Direct selling business 

डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस का हिंदी में मतलब होता है सीधा बेचने वाला बिजनेस यह बिजनेस दो प्रकार  से होता हैं जो निम्न है



1. E-commerce

ई-कॉमर्स के हिसाब से जो काम करने वाली कंपनी होती है जिसके अंदर कंपनी द्वारा एक इकॉमर्स वेबसाइट बनाई जाती है जिसके ऊपर मैन्युफैक्चरर के मालिक अपनी आईडी बनाकर के अपने मैन्युफैक्चर से जो प्रोडक्ट बन रहा है उसका फोटो वेबसाइट पर डालते हैं फिर कस्टमर उस वेबसाइट पर जाते हैं और उस फोटो पर और डिटेल्स जानकर अगर प्रोडक्ट खरीदने के लिए एक्साइटिड होते हैं और खरीदने के लिए अप्रूवल दे देते हैं फिर ई-कॉमर्स कंपनियां मैन्युफैक्चर से लाकर कस्टमर तक चल कर देते हैं कुरियर के द्वारा यार डिलीवरी ब्वॉय के द्वारा ऐसे में इकॉमर्स कंपनी भी कम आती है और मैन्यूफैक्चर को भी कमाई होती है पर कस्टमर को कोई प्रॉफिट नहीं होता है

कुछ ई-कॉमर्स कंपनियों के नाम
ऐमेज़ॉन, फ्लिपकार्ट, मीशो एप  आदि





2. Multi-level marketing (MLM)


इस बिजनेस के बारे में हम अगले पोस्ट में जानेंगे ऊपर सब्सक्राइब बटन है अभी तक आपने हमारे साथ जुड़े नहीं हो तो सब्सक्राइब बटन दबाकर के जुड़ जाए ताकि हमारा हर एक पोस्ट आपको मिल जाए और आप अच्छे से अच्छे नॉलेज लेते रहे थैंक यू


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    1. कमेंट करने के लिए थैंक यू और कोई प्रश्न है तो पूछ सकते हो मैं हरदम आपकी सहायता के लिए रेडी हूं

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