Success: winning strategies. सफलता: जीतने की रणनीति


               Success : winning strategies
     
                सफलता :जितने की रणनीति


हम जानते हैं कि हमें सक्सेज हमारे एटीट्यूड की वजह से ही मिलता और हमारा एटीट्यूड हमारी  चौइस पर निर्भर करता है तो इसका मतलब यह हुआ कि सक्सेस किस्मत की नहीं बल्कि चौइस‌ की बात है लाइफ में आगे बढ़ने के लिए हमें अपॉर्चुनिटी ढूंढने होगी ना कि हमें हाथ पर हाथ रखकर बैठना है सक्सेज हैं फिर चाहे कितने ही ऑब्सटेकल क्यों ना फेस करने पड़े इतिहास में ऐसी कोई सक्सेस स्टोरी नहीं होगी जिसमे अड़चनें ना आई हो 

थॉमस एडिसन की स्टोरी तो आपको याद होगी ना लाइट बल्ब इंवेंशन करने से पहले वह कई 10000 बार फेल हुए थे अगर वह 20 या 30 बार कोशिश करने के बाद अगर वह हार मान लेते तो क्या आज उनको कोई जानता या फिर बल्ब का आविष्कार होता सफलता मेहनत व समय मांगती है

सक्सेस के लिए एक ऐसी मेंटालिटी होना बेहद जरूरी है जो आपके अंदर एक स्ट्रांग डिजायर कमिटमेंट और रिस्पांसिबिलिटी की फीलिंग पैदा कर सके आपके अंदर दूसरों से ज्यादा मेहनत करने की डिजायर भी होनी चाहिएयाद रहे सक्सेसिव उन्हें मिलती हैं जो सब रखते हैं दूसरों के बारे में सोचते हैं और हमेशा एक पॉजिटिव एटीट्यूड लेकर चलते हैं इसके साथ ही आप में अपने टाइम को मैनेज करने की खूबी होनी चाहिए ताकि बेस्ट रिजल्ट मिल सके और किसी भी डिफिकल्टी मैं बेहद करीब पहुंचकर अचानक पीछे हट जाते हैं

इसकी वजह यह है कि यह लोग उम्मीद खो चुके होते हैं उन्हें लगता है कि उनसे अब और मेहनत नहीं होगी लेकिन हम आपको बोलेंगे कि आप रिस्क ले और आगे बढ़ो बिजनेस की दुनिया में कदम रखना हैं तो पूरी तैयारी के साथ आओ लॉज ऑफ द नेचर की फिलॉसफी आपके बड़े काम आएगी अपनी मिस्टेक्स को अपने सबसे बड़ा लेसन बना लो और जो मिला है उसका शुक्रिया अदा करो एक बार एक यंग मैन था जिस ने सुकरात से पूछा कि सक्सेस का सीक्रेट क्या है इस पर सुकरात ने इसे नेक्स्ट डे नदी के किनारे मिलने के लिए कहा

अगले दिन दोनों नदी के किनारे बातें करते हुए जा रहे थे कि अचानक सुकरात ने उस आदमी को गर्दन में पकड़ा और पानी में डूब आने लगा आदमी बचने के लिए जोर जोर से हाथ पांव मारने लगा उसकी सांस घुट रही थी उसने खुद को छुड़ाने के लिए पूरी कोशिश कीमकर सक्रांति की पकड़ काफी मजबूत थी वह आदमी पूरी ताकत से स्ट्रगल कर रहा था उसका पूरा फेस नीला पड़ गया था फिर अचानक सुकरान ने अपनी पकड़ ढीली कर दी और उसे छोड़ दिया वहां आदमी पानी से बाहर आया और लंबी लंबी ब्रिज यानी सांसे लेने लगा तब सुकरात ने उससे पूछा जब तुम पानी के अंदर थे तब तुम्हें कैसा लग रहा था और तब तुम क्या सोच रहे थे उस वक्त तुम्हें किस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत  हो रही थी

हवा उस आदमी ने जवाब दिया सुकरात बोले

जिस दिन तुम सक्सेस को इतना जरूरी समझोगे जितनी कि इस वक्त तुम्हारे लिए हवा है तो यकीन मानो उस दिन तुम्हें सक्सेस जरूर मिलेगी यहां पर शुक्राणु के सिखाने का तरीका थोड़ा खतरनाक जरूर था मगर उसका इंपैक्ट कहीं ज्यादा था जिस दिन आपकी भी डिजायर इतनी स्ट्रांग होगी तो आप भी सक्सेज के पीछे हाथ धोकर पड़ जाएंगे


और जिस दिन आपने अपने काम के पीछे हाथ धोकर के पड़ गए आप सक्सेस भी जरूर हो जाएंगे कैसा लगा कमेंट में जरूर बताएं और साथ ही ऐसे ही पोस्ट पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब कर ले और कोई आपका दोस्त कुछ काम करने के लिए सोच रहा है तो उसे भी पोस्ट कीजिए ताकि वह भी अपने काम में सक्सेज हो


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