MLM कितने प्रकार का होता है
MLM कितने प्रकार का होता है
एम एल एम के अंदर कई प्रकार के सिस्टम होते हैं जैसे मैट्रिक्स, जनरेशन, टिटियरी, बायनरी ,हाइब्रिड पर दो ऐसे सिस्टम जो शुरुआत से आज तक चलते आ रहे हैं और इंडिया में सबसे ज्यादा बहस इन्हीं दो सिस्टम पर होते हैं आज हम इनके बारे में जानेंगे जो सीजनल नहीं है
1. Binary system
2. Generation system
लोग एमएएलएम के अंदर आने का मोस्ट रीजन यहां होता है
1. पैसे की आजादी
2. समय की आजादी
3. पैसिव इनकम
1. पैसे की आजादी
पैसे की आजादी एक व्यक्ति को तब मिलती है जब वह इतना पैसा कमाता हो जिससे उसके सभी सपने पूरे हो जाते हो या फिर इतना कह सकते हैं कि वह जितना सोचता है वह उतना पैसा कमाए उसे पैसे की आजादी कह सकते हैं
2. समय की आजादी
एक व्यक्ति की समय की आजादी तब मिलती है जब उसके लिए हजारों लोग उसके लिए काम करते हो और उसे भागदौड़ करनी ना पड़े आराम से अपनी जिंदगी जीता है तो उसे समय की आजादी कह सकते हैं
3. पैसिव इनकम
पैसिव इनकम मतलब यहां होता है एक बार काम करने के बाद बार-बार पैसा मिले उसे पैसिव इनकम कहते हैं पैसिव इनकम का मतलब यहां भी होता है कि आपके द्वारा किए गए काम जब तक सक्षम रहता है उस काम से आपको कुछ नहीं कुछ हिस्सा आपको मिलता रहता है उसे पैसिव इनकम कहते हैं
अब एक-एक करके जानते हैं कि बायनरी सिस्टम दिला पाएगा पैसों की आजादी, समय की आजादी, पैसिव इनकम, या जनरेशन दिला पाएगा पैसों की आजादी, समय की आजादी, पैसिव इनकम, हमारा जितना सिलेक्शन अच्छा होगा उतना ही अच्छा हमारा फ्यूचर होगा
1.Binary system
Binary system structure
Binary system का चित्र कैसा दिखाई देता है जिसमें दो लेख चलते हैं लेफ्ट लेग व राइट लेग जिसको बोल सकते हैं पावर लेग व प्रोफिट लेग भी कहते हैं आप 2 लोग से ज्यादा लोगों को अपने डायरेक्ट में ज्वाइन नहीं करवा सकते हैं
1. पैसों की आजादी
यहां सबको पता होता है पर आपको यह पता है की बायनरी सिस्टम के अंदर डिस्ट्रीब्यूशन फिक्स नहीं होता हैं जिसके कारण कंपनी को पता ही नहीं चलता इस बार कितना पैसा बटना है जितनी ज्यादा कंपनी में लीडर्स क्रिएट होंगे उतना ही ज्यादा रिस्क बड़ा होता जाएगा अगर आपको मेरी बात पर शक है तो गूगल पर सर्च करके देख सकते हैं बायनरी सिस्टम केलकुलेटर वहां भी रिस्क को बताता है और यह भी बता देगा आपकी कंपनी कितने समय के बाद में रिस्क में चली जाएगी
जब कंपनी के रिस्क में जाने की बात आती है तो रिस्क मिनिमाइज करने के लिए कुछ काम किए जाते हैं जिनमें से एक है कैपिंग दूसरा हाई मार्जिन प्रोडक्ट
कैपिंग क्या होता है तो कैपिंग बायनरी सिस्टम के अंदर काम करने वाले लीडर के लिए एक लिमिट होती है जिसके बाद में आपको ज्यादा इनकम नहीं मिलेगी कैपिंग से उन लोगों को तकलीफ नहीं होती जो लोग कंपनी में नए जुड़े हैं पर उन लोगों को जरूर तकलीफ होती है जो कैपिंग सिस्टम को टच कर चुके हैं कैपिंग को टच करने के बाद में आप कितना भी काम कर दो उससे ज्यादा इनकम नहीं आएगी
अब आप ही सोच लो कि बायनरी सिस्टम मनी फ्रीडम दिला रही है या नहीं
हाई र्जनमा प्रोडक्ट रिस्क मिनिमाइज करने का दूसरा तरीका जिसमें प्रोडक्ट की कीमत बहुत ज्यादा कर दी जाती है जैसे ₹20 का कोलगेट 250 रुपए तक सेल कर दिया जाता ऐसे में लोग हमारे साथ में काम करना वह प्रोडक्ट खरीदना पसंद नहीं करते
2. समय की आजादी
खाई मार्जन प्रोडक्ट होने के कारण कंपनी के अंदर वह लोग ही रहते हैं जो बिजनेस के अंदर इंटरेस्ट रखते हो और जो कंजूमर ग्रुप होता है वह नहीं होता जिसकी वजह से नए लोग जुड़ेंगे तो इनकम आएगी नहीं जुड़ेंगे तो इनकम नहीं आई ऐसे में जो दौड़ भाग करेगा वही पैसा कमा सकता है अब आप ही सोच लीजिए बायनरी सिस्टम के अंदर समय की आजादी है या नहीं
3. पैसिव इनकम
पैसिव इनकम जब यह 2-factor सही से काम करते हैं तो पैसिव इनकम आती है
1. लीडरशिप पाइपलाइन
2. Repackaging model
लीडरशिप पाइपलाइन का सिस्टम से कोई मतलब नहीं होता किसी भी सिस्टम में डिवेलप किया जा सकता है यह लीडर के नॉलेज के हिसाब से होता है सब कुछ पर रिपरचेसिंग मॉडल
सीधा प्लान से कनेक्ट होता है
जिस प्लान में हाई मार्जिन प्रोडक्ट होता है उस प्रोडक्ट को कस्टमर खरीदना नहीं चाहता नहीं खरीदना चाहता है तो उस कंपनी का रीपरचार्जिंग मॉडल नहीं चलता आप समझ ही गए होंगे कि बायनरी सिस्टम पैसिव इनकम दिला पाएगा या नहीं
इस बिजनेस में साधारण से नया डिस्ट्रीब्यूटर प्रोडक्ट खरीदने के लिए रेडी नहीं होता क्योंकि उसकी कीमत हाई होती है जिसके कारण उसको बड़े-बड़े सेमिनार होटलों के अंदर ले जाया जाता है और उसको एक कार अचीवर्स बड़े लीडर के साथ में मोटिवेट किया जाता है और फिर उसके सपने को जगाया जाता है फिर उसके साथ में प्रोडक्ट सेल ना करके प्लांन सेल किया जाता है प्रोडक्ट तो नाम के लिए होता है वास्तविक देखा जाए तो यह प्लान ही बेचा जाता है
जी हां पर यहां भी सही है जनरेशन में भी कुछ हाई प्रोडक्ट वाली प्रॉब्लम देखने को मिली है हम यह नहीं कह सकते कि जनरेशन में पार्टिकुलरली होता या फिर बायनरी में पार्टिकुलरली होता है क्योंकि फिलहाल इंडिया के अंदर लगभग जितनी भी कंपनी है शायद सभी इसी कांप्ट के हिसाब से काम कर रही है प्रोडक्ट ऐसे में बायनरी अकेली पर यह कहना मुश्किल होगा
आप कैपिंग लगने के बाद में उस टीम से या उस आईडी से अधिक नहीं कमा सकते पर आप एक ही कंपनी में एक से अधिक आईडिया क्रिएट करके बहुत अच्छी इनकम कर सकते हो जोकि देखा जाए तो दोनों ही सिस्टम में परफेक्ट काम करने वाले में हिम्मत की बात होती है पर जनरेशन में आप एक ही आईडी के डायरेक्ट में बहुत लोगों को ज्वाइन करवा सकते हैं समझ गए होंगे कि मैं क्या कहना चाहता हूं
2. Generation system
जनरेशन सिस्टम स्ट्रक्चर
जनरेशन सिस्टम में आप जितने लोगों को अपने डायरेक्ट में ज्वाइन करवाना चाहते हो करवा सकते हो आप जितने लोगों को अपने डायरेक्टर में ज्वाइन करोगे उतनी ही ज्यादा आपकी इनकम होगी
क्या जनरेशन सिस्टम पैसे की आजादी, समय की आजादी, पैसिव इनकम दिला पाएगा या नहीं
1. पैसे की आजादी
जनरेशन सिस्टम की बात करते हैं इस सिस्टम के अंदर जो कंपनी काम करती हैं वहां एक दिन या 1 साल काम करने का मोटिव नहीं रखती यहां लॉन्ग टर्म के बारे में सोचती है जिसके कारण जनरेशन सिस्टम के अंदर डिसटीब्यूशन होता है वह फिक्स होता है जब डिस्टलेशन फिक्स है तो रिस्क अभी नहीं होगा जब रिस्क नहीं होगा तो रिस्क मिनिमाइज करने वाले पैत्रे भी नहीं लगाने पड़ेंते है जिसके कारण कैपिंग नहीं होती जब केपिंग नहीं होगी तो आपके लिए आपका आकाश खुला है आप जितना सोचते हो इतना कमा सकते हो
2. समय की आजादी
जनरेशन सिस्टम की बात करें तो रिस्क नहीं होने के कारण प्रोडक्ट की कीमत साधारण मार्केट से मिलते जुलते होती है जिसके कारण बिजनेस करने वाले व प्रोडक्ट यूज करने वाले कस्टमर दोनों तरह के लोगों की भीड़ जल्दी हो जाती है ऐसे में नए कस्टमर को आसानी से लाया जा सकता है और नए लीडर जल्दी से जल्दी काम कर पाते हैं ऐसे में हर एक लीडर को थोड़ी अच्छी टीम बनाने के बाद में ज्यादा समय नहीं दे तो भी चल जाता है क्योंकि हर कोई छोटा लीडर आराम से अपना काम कर लेता है ऐसे में बड़े लीडरों को भागदौड़ करने की जरूरत नहीं होती
3. पैसिव इनकम
लीडरशिप पाइपलाइन लीडर के नॉलेज के हिसाब से क्रिएट होती है पर रिपर्चेज मोंडल अच्छे से काम जनरेशन प्लान में ही करता है पर इसके लिए भी कुछ पॉइंट होते हैं अगर इनका सही से मैनेज करें कंपनी तो रिपरचेज मॉडल बहुत ही अच्छे से काम करता है
1. रोज यूज होने वाला प्रोडक्ट होना चाहिए
2. प्रोडक्ट की प्राइस साधारण मार्केट से अधिक नहीं होनी चाहिए
3. कंपनी के अंदर अधिक से अधिक प्रोडक्ट होने चाहिए
4. नजदीकी मार्केट के अंदर कंपनी के स्टोर्स होने चाहिए
5. प्रोडक्ट क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए
हर रोज मिलेंगे एक ऐसी ही शानदार नॉलेज के साथ में तब तक के लिए थैंक यू और हमारे पेज को भी सब्सक्राइब नहीं किया तो सब्सक्राइब जरूर कर लीजिए और कुछ आपके प्रश्न हो तो कमेंट में जरूर बताना ताकि अगले पोस्ट में उसके बारे में अच्छे से समझा सकूं
एम एल एम के अंदर कई प्रकार के सिस्टम होते हैं जैसे मैट्रिक्स, जनरेशन, टिटियरी, बायनरी ,हाइब्रिड पर दो ऐसे सिस्टम जो शुरुआत से आज तक चलते आ रहे हैं और इंडिया में सबसे ज्यादा बहस इन्हीं दो सिस्टम पर होते हैं आज हम इनके बारे में जानेंगे जो सीजनल नहीं है
1. Binary system
2. Generation system
लोग एमएएलएम के अंदर आने का मोस्ट रीजन यहां होता है
1. पैसे की आजादी
2. समय की आजादी
3. पैसिव इनकम
1. पैसे की आजादी
पैसे की आजादी एक व्यक्ति को तब मिलती है जब वह इतना पैसा कमाता हो जिससे उसके सभी सपने पूरे हो जाते हो या फिर इतना कह सकते हैं कि वह जितना सोचता है वह उतना पैसा कमाए उसे पैसे की आजादी कह सकते हैं
2. समय की आजादी
एक व्यक्ति की समय की आजादी तब मिलती है जब उसके लिए हजारों लोग उसके लिए काम करते हो और उसे भागदौड़ करनी ना पड़े आराम से अपनी जिंदगी जीता है तो उसे समय की आजादी कह सकते हैं
3. पैसिव इनकम
पैसिव इनकम मतलब यहां होता है एक बार काम करने के बाद बार-बार पैसा मिले उसे पैसिव इनकम कहते हैं पैसिव इनकम का मतलब यहां भी होता है कि आपके द्वारा किए गए काम जब तक सक्षम रहता है उस काम से आपको कुछ नहीं कुछ हिस्सा आपको मिलता रहता है उसे पैसिव इनकम कहते हैं
अब एक-एक करके जानते हैं कि बायनरी सिस्टम दिला पाएगा पैसों की आजादी, समय की आजादी, पैसिव इनकम, या जनरेशन दिला पाएगा पैसों की आजादी, समय की आजादी, पैसिव इनकम, हमारा जितना सिलेक्शन अच्छा होगा उतना ही अच्छा हमारा फ्यूचर होगा
1.Binary system
Binary system structure
Binary system का चित्र कैसा दिखाई देता है जिसमें दो लेख चलते हैं लेफ्ट लेग व राइट लेग जिसको बोल सकते हैं पावर लेग व प्रोफिट लेग भी कहते हैं आप 2 लोग से ज्यादा लोगों को अपने डायरेक्ट में ज्वाइन नहीं करवा सकते हैं
1. पैसों की आजादी
यहां सबको पता होता है पर आपको यह पता है की बायनरी सिस्टम के अंदर डिस्ट्रीब्यूशन फिक्स नहीं होता हैं जिसके कारण कंपनी को पता ही नहीं चलता इस बार कितना पैसा बटना है जितनी ज्यादा कंपनी में लीडर्स क्रिएट होंगे उतना ही ज्यादा रिस्क बड़ा होता जाएगा अगर आपको मेरी बात पर शक है तो गूगल पर सर्च करके देख सकते हैं बायनरी सिस्टम केलकुलेटर वहां भी रिस्क को बताता है और यह भी बता देगा आपकी कंपनी कितने समय के बाद में रिस्क में चली जाएगी
जब कंपनी के रिस्क में जाने की बात आती है तो रिस्क मिनिमाइज करने के लिए कुछ काम किए जाते हैं जिनमें से एक है कैपिंग दूसरा हाई मार्जिन प्रोडक्ट
कैपिंग क्या होता है तो कैपिंग बायनरी सिस्टम के अंदर काम करने वाले लीडर के लिए एक लिमिट होती है जिसके बाद में आपको ज्यादा इनकम नहीं मिलेगी कैपिंग से उन लोगों को तकलीफ नहीं होती जो लोग कंपनी में नए जुड़े हैं पर उन लोगों को जरूर तकलीफ होती है जो कैपिंग सिस्टम को टच कर चुके हैं कैपिंग को टच करने के बाद में आप कितना भी काम कर दो उससे ज्यादा इनकम नहीं आएगी
अब आप ही सोच लो कि बायनरी सिस्टम मनी फ्रीडम दिला रही है या नहीं
हाई र्जनमा प्रोडक्ट रिस्क मिनिमाइज करने का दूसरा तरीका जिसमें प्रोडक्ट की कीमत बहुत ज्यादा कर दी जाती है जैसे ₹20 का कोलगेट 250 रुपए तक सेल कर दिया जाता ऐसे में लोग हमारे साथ में काम करना वह प्रोडक्ट खरीदना पसंद नहीं करते
2. समय की आजादी
खाई मार्जन प्रोडक्ट होने के कारण कंपनी के अंदर वह लोग ही रहते हैं जो बिजनेस के अंदर इंटरेस्ट रखते हो और जो कंजूमर ग्रुप होता है वह नहीं होता जिसकी वजह से नए लोग जुड़ेंगे तो इनकम आएगी नहीं जुड़ेंगे तो इनकम नहीं आई ऐसे में जो दौड़ भाग करेगा वही पैसा कमा सकता है अब आप ही सोच लीजिए बायनरी सिस्टम के अंदर समय की आजादी है या नहीं
3. पैसिव इनकम
पैसिव इनकम जब यह 2-factor सही से काम करते हैं तो पैसिव इनकम आती है
1. लीडरशिप पाइपलाइन
2. Repackaging model
लीडरशिप पाइपलाइन का सिस्टम से कोई मतलब नहीं होता किसी भी सिस्टम में डिवेलप किया जा सकता है यह लीडर के नॉलेज के हिसाब से होता है सब कुछ पर रिपरचेसिंग मॉडल
सीधा प्लान से कनेक्ट होता है
जिस प्लान में हाई मार्जिन प्रोडक्ट होता है उस प्रोडक्ट को कस्टमर खरीदना नहीं चाहता नहीं खरीदना चाहता है तो उस कंपनी का रीपरचार्जिंग मॉडल नहीं चलता आप समझ ही गए होंगे कि बायनरी सिस्टम पैसिव इनकम दिला पाएगा या नहीं
इस बिजनेस में साधारण से नया डिस्ट्रीब्यूटर प्रोडक्ट खरीदने के लिए रेडी नहीं होता क्योंकि उसकी कीमत हाई होती है जिसके कारण उसको बड़े-बड़े सेमिनार होटलों के अंदर ले जाया जाता है और उसको एक कार अचीवर्स बड़े लीडर के साथ में मोटिवेट किया जाता है और फिर उसके सपने को जगाया जाता है फिर उसके साथ में प्रोडक्ट सेल ना करके प्लांन सेल किया जाता है प्रोडक्ट तो नाम के लिए होता है वास्तविक देखा जाए तो यह प्लान ही बेचा जाता है
जी हां पर यहां भी सही है जनरेशन में भी कुछ हाई प्रोडक्ट वाली प्रॉब्लम देखने को मिली है हम यह नहीं कह सकते कि जनरेशन में पार्टिकुलरली होता या फिर बायनरी में पार्टिकुलरली होता है क्योंकि फिलहाल इंडिया के अंदर लगभग जितनी भी कंपनी है शायद सभी इसी कांप्ट के हिसाब से काम कर रही है प्रोडक्ट ऐसे में बायनरी अकेली पर यह कहना मुश्किल होगा
आप कैपिंग लगने के बाद में उस टीम से या उस आईडी से अधिक नहीं कमा सकते पर आप एक ही कंपनी में एक से अधिक आईडिया क्रिएट करके बहुत अच्छी इनकम कर सकते हो जोकि देखा जाए तो दोनों ही सिस्टम में परफेक्ट काम करने वाले में हिम्मत की बात होती है पर जनरेशन में आप एक ही आईडी के डायरेक्ट में बहुत लोगों को ज्वाइन करवा सकते हैं समझ गए होंगे कि मैं क्या कहना चाहता हूं
2. Generation system
जनरेशन सिस्टम स्ट्रक्चर
जनरेशन सिस्टम में आप जितने लोगों को अपने डायरेक्ट में ज्वाइन करवाना चाहते हो करवा सकते हो आप जितने लोगों को अपने डायरेक्टर में ज्वाइन करोगे उतनी ही ज्यादा आपकी इनकम होगी
क्या जनरेशन सिस्टम पैसे की आजादी, समय की आजादी, पैसिव इनकम दिला पाएगा या नहीं
1. पैसे की आजादी
जनरेशन सिस्टम की बात करते हैं इस सिस्टम के अंदर जो कंपनी काम करती हैं वहां एक दिन या 1 साल काम करने का मोटिव नहीं रखती यहां लॉन्ग टर्म के बारे में सोचती है जिसके कारण जनरेशन सिस्टम के अंदर डिसटीब्यूशन होता है वह फिक्स होता है जब डिस्टलेशन फिक्स है तो रिस्क अभी नहीं होगा जब रिस्क नहीं होगा तो रिस्क मिनिमाइज करने वाले पैत्रे भी नहीं लगाने पड़ेंते है जिसके कारण कैपिंग नहीं होती जब केपिंग नहीं होगी तो आपके लिए आपका आकाश खुला है आप जितना सोचते हो इतना कमा सकते हो
2. समय की आजादी
जनरेशन सिस्टम की बात करें तो रिस्क नहीं होने के कारण प्रोडक्ट की कीमत साधारण मार्केट से मिलते जुलते होती है जिसके कारण बिजनेस करने वाले व प्रोडक्ट यूज करने वाले कस्टमर दोनों तरह के लोगों की भीड़ जल्दी हो जाती है ऐसे में नए कस्टमर को आसानी से लाया जा सकता है और नए लीडर जल्दी से जल्दी काम कर पाते हैं ऐसे में हर एक लीडर को थोड़ी अच्छी टीम बनाने के बाद में ज्यादा समय नहीं दे तो भी चल जाता है क्योंकि हर कोई छोटा लीडर आराम से अपना काम कर लेता है ऐसे में बड़े लीडरों को भागदौड़ करने की जरूरत नहीं होती
3. पैसिव इनकम
लीडरशिप पाइपलाइन लीडर के नॉलेज के हिसाब से क्रिएट होती है पर रिपर्चेज मोंडल अच्छे से काम जनरेशन प्लान में ही करता है पर इसके लिए भी कुछ पॉइंट होते हैं अगर इनका सही से मैनेज करें कंपनी तो रिपरचेज मॉडल बहुत ही अच्छे से काम करता है
1. रोज यूज होने वाला प्रोडक्ट होना चाहिए
2. प्रोडक्ट की प्राइस साधारण मार्केट से अधिक नहीं होनी चाहिए
3. कंपनी के अंदर अधिक से अधिक प्रोडक्ट होने चाहिए
4. नजदीकी मार्केट के अंदर कंपनी के स्टोर्स होने चाहिए
5. प्रोडक्ट क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए
हर रोज मिलेंगे एक ऐसी ही शानदार नॉलेज के साथ में तब तक के लिए थैंक यू और हमारे पेज को भी सब्सक्राइब नहीं किया तो सब्सक्राइब जरूर कर लीजिए और कुछ आपके प्रश्न हो तो कमेंट में जरूर बताना ताकि अगले पोस्ट में उसके बारे में अच्छे से समझा सकूं
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